द्रोपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन चुकी है I ओडिशा की राजधानी से लगभग 300 किलोमीटर दूर एक गाँव में जन्मी एक बच्ची जिसने अपना बचपन ऐसी जगह पर गुजारा जहाँ कोई सुविधा मोजूद नही है I उस समय किसी ने ये सोचा भी नही होगा कि इसी पिछड़े इलाके से निकलकर ये बच्ची एक दिन देश के सबसे ऊँचे पद पर बैठ जाएगी I
आइये हम आपको द्रोपदी मुर्मू के पुरे जीवन की उस कहानी के बारे में बताने वाले है जो एक छोटे से घर से शुरू हुई थी और अब राष्ट्रपति भवन तक पहुँच गयी है I एक मिसाल तो आपने सुनी ही होगी कुछ लोग टूटकर बिखर जाते है तो कुछ लोग टूटकर बिखर जाते है और जो टूटकर निखर गयी ये है हमारी नई राष्टपति मुर्मू जी आइये जानते है इनकी संघर्ष भरी कहानी I
जीवन परिचय
द्रोपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को मयूरभंज भारत के उड़ीसा राज्य में हुआ था I इनके पिता का नाम बिरांची नारायण टूडू I उन्होंने अपनी शुरूआती पढाई लिखाई के बी एचएस उपरबेडा स्कूल से पूरी की है I उन्होंने गाँव से प्राथमिक शिक्षा तो ग्रहण कर ली लेकिन माध्यमिक शिक्षा के लिए तब वहां कोई विकल्प नही था I इसलिए उन्हें आगे की पढाई के लिए प्रदेश की राजधानी भुवनेश्वर जाना पड़ा I
Droupadi Murmu Biography in Hindi Details
पूरा नाम | द्रौपदी मुर्मू |
मूल नाम | द्रौपदी |
जन्म तिथि | 20 जून 1958 |
जन्म स्थान | मयूरभंज, उड़ीसा, भारत |
उम्र | 64 वर्ष (2022 के अनुसार) |
माता का नाम | किनगो टुडू |
पिता का नाम | स्वर्गीय बिरंची नारायण टुडू |
धर्म | हिन्दू |
नागरिकता | भारतीय |
कॉलेज | रमा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर, ओडिशा |
पति नाम | श्याम चरम मुर्मू |
बच्चे | इतिश्री मुर्मु (बेटी) |
धर्म | मुर्मू |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
शिक्षा दीक्षा और करियर
साल 1979 में उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन की पढाई पूरी की थी I इसके बाद उन्होंने ओडिशा सिंचाई भाग में एक क्लर्क के रूप में अपने करियर की पहली जॉब की थी I कुछ समय बाद उन्होंने इस जॉब को छोड़ दिया और अपने जिले के एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की जॉब करने लगी I
परिवार और वैवाहिक जीवन
बचपन इ गरीबी में जिन्दगी बिता चुकी द्रोपदी मुर्मू ने जिन्दगी भर दुखो को सहा है Iउनके पति का नाम श्यामचरण मुर्मू है जोकि अब इस दुनिया में नही रहे I इनके 3 बच्चे है जिसमे 2 बेटो की मौत हो चुकी है जबकि इनकी तीसरी सन्तान बेटी है जोकि फिलहाल एक बैंक कर्मचारी के रूप में काम कर रही है I इनकी बेटी का नाम इतिश्री मुर्मू है I
साल 2009 में 25 साल की उम्र में उनके बेटे की मौत हो गयी. बेटे की मौत का सदमा वे बर्दाश नही कर पाई और सदमे में चली गयी थी I हालंकि बाद में उन्होंने खुद को सम्भाला और खुद को हिम्मत देने के लिए अध्यात्म का रास्ता चुना था और ब्रह्मा कुमारी संस्था के साथ वे जुड़ गयी I अभी पहले बेटे की मौत का सदमा कुछ कम ही हुआ था कि साल 2013 में उनके दुसरे बेटे की मौत सडक दुर्घटना में हो गयी I
4 सालो में द्रोपदी मुर्मू अपने दोनों बेटे खो चुकी थी I मौत का सिलसिला यहीं नही रुका बल्कि दुसरे बेटे की मौत के कुछ दिन बाद 2013 में इनकी माँ और भाई का भी देहान्त हो गया I एक महीने में उनका परिवार खत्म हो गया था I उनकी जिन्दगी में दुःख एक के बाद एक करके उनकी जिन्दगी में दस्तक देने लगे थे I साल 2014 में उनके पति का भी देहान्त हो गया I द्रोपदी मुर्मू पर जैसे मानो दुःख का पहाड़ टूट गया था इस जीवन की उन्होंने कभी कल्पना भी नही की होगी I लेकिन उन्होंने एक बार खुद को सम्भाला और फिर से अध्यात्म और योग का सहारा लिया I
राजनीती करियर
साल 1997 में आया वो दिन जब द्रोपदी मुर्मू का राजनीति में प्रवेश हुआ और वे मयूरभंज से वार्ड पार्षद चुनी गयी I इसके बाद वे अपने राजनीति जीवन में लगातार आगे बढने लगी. ओडिशा से वे 2 बार विधायक भी बनी और साल 2000 से 2004 तक ओडिशा की राज्यमंत्री भी रही I साल 2006 से 2009 तक ये अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम कर चुकी है I
साल 2015 में वे झारखंड की पहली महिला राज्यपाल नियुक्त हुई I इसी दौरान वे पहली बार राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिली थी I तब शायद उन्होंने ये सोचा भी नही होगा कि आज वे जिस जगह पर आई है एक दिन वही राष्ट्रपति बनकर यहाँ बैठने वाली है I साल 2015 से ये साल 2021 तक राष्ट्रपति पद पर रही और 2022 में उनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए घोषित किया गया I यहाँ एक बात बहुत ही ख़ास है कि द्रोपदी मुर्मू का जन्मदिन 20 जून को होता है और इसके अगले दिन ही 21 जून को उन्हें पता चला था कि उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए नोमिनेट किया गया है I
महत्वपूर्ण बाते
द्रोपदी मुर्मू का स्वभाव काफी विन्रम है तो वहीँ उन्हें एक कडक नेता का टैग भी मिल चूका है I वे जो फैसला करती है उसे लेकर अडी रहती है I इसका एक किस्सा साल 2017 का आपको बताते है I उस समय जब झारखंड में BJP की सरकार थी तब वहां के मुख्यमंत्री रघुबर दास थे I जिन्होंने उस समय CNT एक्ट और SPT एक्ट में कुछ संसोधन किये थे जोकि आदिवासी समुदाय की जमीनों से जुड़ा था I
इस कानून को CM ने विधानसभा से पास करवा लिया लेकिन जब ये कानून वहां की तत्कालीन राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू के पास मंजूरी के लिए आया तो उन्होंने इसे वापस लोटा था और इसपर साइन करने से मना कर दिया था I उनका कहना था कि ये कानून आदिवासी समुदाय के हित में नही है I ऐसे ही कई और भी किससे है जो बताते है कि द्रोपदी मुर्मू हमेशा अपने विवेक से फैसला लेती है और वे किसी के दवाब में नही आती है I
पुरस्कार
द्रोपदी मुर्मू को साल 2007 में ओडिशा विधानसभा की तरह से सर्वश्रेष्ठ विधायक के तौर पर “नीलकंठ” पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है I
रोचक बाते
बहुत कम लोग जानते है कि द्रोपदी मुर्मू का राजनीति के प्रति बचपन से ही लगाव रहा है I इसका कारण ये है कि उनके पिता और दादा जी दोनों ग्राम प्रधान रह चुके थे I
1979 से 1983 में जब वे ओडिशा में ही सिंचाई क्लर्क के रूप में कार्य कर रही थी तब उन्होंने इसे छोड़ दिया था I इन नौकरी को उन्होंने अपने बच्चो की देखभाल के लिए छोड़ दिया था I
बालिका वधु की एक्ट्रेस प्रत्युषा बनर्जी जिन्होंने आत्महत्या कर ली थी I उनके माता पिता ने साल 2016 में द्रोपदी मुर्मू से मुलाक़ात की थी और उनसे बेटी की मौत को लेकर CBI जांच की मांग की थी I
साल 2016 में द्रोपदी मुर्मू ने कहा था कि वे मरने के बाद अपनी आंखे दान करेगी I
साल 2018 में ब्रम्हा कुमारी निर्मला ने द्रोपदी मुर्मू को राखी बांधी थी I जिसके बाद द्रोपदी मुर्मू ने कहा था कि जब उनके बेटो और पति की मृत्यु हुई तो वे सदमे में चली गयी थी और खुद को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने ब्रह्माकुमारी निर्मला का अनुसरण शुरू किया था I
निष्कर्ष
आज की इस पोस्ट में हमने आपको द्रोपदी मुर्मू का जीवन परिचय के बारे में बताया है I द्रोपदी मुर्मू ने ये साबित किया है कि जीवन में भले ही कितनी कठिन परिस्थिति क्यों न आ जाए, महिला की जिन्दगी केवल घर की चार दीवारी में कैद तक नही है I वह घर से बाहर, समाज से उपर उठकर देश की बाघडोर भी सम्भाल सकती है और इसका जीता जागता उदाहरण स्वयम हमारे सामने देश की नई राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू है I जो आज किसी पहचान की मोहताज नही है उनकी पहचान ही उनका नाम और काम है I आज द्रोपदी मुर्मू का पूरा जीवन उन लोगो के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है जो मुश्किलें से हार मान ले I उम्मीद करते है आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी I